भरोसा सास का – कुमुद मोहन

Post View 23,170 “जाओ बेटा आज से तुम्हारे जीवन की नई शुरुआत है!खूब खुश रहो”कहते कहते शीला ने अपनी दुल्हन बन विदा होती बेटी चारू का माथा चूम उसे गले से लगा लिया!चारू ने मां को घबराकर ऐसे कसकर पकड़ा मानो कभी छोड़ेगी नहीं! शीला और रतन की इकलौती बेटी चारू विदा होकर श्यामल के … Continue reading भरोसा सास का – कुमुद मोहन