बेमेल (भाग 20) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Post View 566 मां-बाबूजी के आत्मा के दुखी होने की अगर तुम सबको इतनी ही फिक्र होती तो गांववालो को यूं भूखे नहीं मरने देते! जरा हवेली से बाहर निकलकर देखो! देखो कि कैसे पूरा गांव हैजे से त्राहिमाम कर रहा है! कैसे लोग दाने-दाने को मोहताज़ हैं और तुम सबने क्या किया?? अनाज को … Continue reading बेमेल (भाग 20) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi