बेमेल (भाग 14) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Post View 657 .“तू निफिक़्र होकर जा मां! मैं सब देख लुंगी।” – अभिलाषा ने आश्वस्त किया और श्यामा दरवाजे पर खड़े बच्चे संग घर से बाहर निकल गयी। घर के भीतर कमरे में लेटा मनोहर खुद में ही बड़बड़ा रहा था। आवाज सुन विजेंद्र उसके कमरे में दाखिल हुआ। “यूं अकेले में क्या बड़बड़ा … Continue reading बेमेल (भाग 14) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi