बेमेल (भाग 13) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Post View 682 रसोई से आज स्वादिष्ट पकवान की खुशबू आ रही थी। बड़े चाव से अभिलाषा ने खुद अपने हाथों से भांति-भांति के पकवान बनाए थे। मनोहर और विजेंद्र खाने के लिए बैठे तो थाली में परोसे व्यंजन देख मुंह में पानी भर आया। दोनों ने फिर छककर उनका लुत्फ उठाया। “मां, आपके हाथ … Continue reading बेमेल (भाग 13) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi