अपना अपना पश्चाताप – बालेश्वर गुप्ता

Post View 1,795  क्यूँ, आशीष क्या तुम लोगो को अपने कामकाज के सामने अपने बाप को सुकून से मर सके,ऐसी स्थिति रखने जैसी हैसियत भी नही थी? अरे बिशन बाबू नगर की शान हुआ करते थे,ऐसे चले जायेंगे,सोचा नही था।ठीक ही हुआ चले गये,अब सब चैन से रहेंगे।      आप क्या कह रहे हैं, अंकल, बाबूजी … Continue reading अपना अपना पश्चाताप – बालेश्वर गुप्ता