अनसुने बोल –   त्रिलोचना कौर

Post View 12,311 कल से काम वाली बाई दो दिन की छुट्टी बोल कर गई थी सुबह-सुबह तो कई काम होते है यह सोचकर सविता रात को बर्तन साफ करने लगी।अभी बर्तन धो ही रही थी कि रसोई की ट्यूब लाइट आँख झप-झपकाकर बन्द हो गई। अनमने मन से कैन्डिल जलाकर बर्तन धोये लेकिन स्टैंड … Continue reading अनसुने बोल –   त्रिलोचना कौर