आखिर भेदभाव क्यों? – संगीता श्रीवास्तव
Post View 2,341 “तुम मानो या ना मानो धीरन की अम्मा! तुम्हारे बहुरिया के कोख में ही खोट हवे, तभी तो दोनों बार बहुरिया ने बेटी ही जनम दीहो है।”पड़ोसन सरला देवी ने बेधड़क, सुलोचना जी से कहा। कुछ और बातें सरला देवी कह न दे इसलिए सुलोचना जी ने उन्हें इधर -उधर की बातों … Continue reading आखिर भेदभाव क्यों? – संगीता श्रीवास्तव
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