अहमियत का प्रमाणपत्र नहीं – शुभ्रा बैनर्जी  : Moral stories in hindi

Post View 4,681  बहू को घर की लक्ष्मी कहने भर से नहीं होता,मानना भी पड़ता है।प्रीति ने ससुराल के बारे में अपनी सहेलियों से अलग-अलग कहानियां सुनी थी।करुणा ने कहा था”ससुराल,बस एक जेल है।सारा दिन सास जेलर बनी सर पर मंडराती रहती है।”रक्षा ने अपना अनुभव बताते हुए कहा”अरे,दिन भर गधे के जैसे काम करते … Continue reading अहमियत का प्रमाणपत्र नहीं – शुभ्रा बैनर्जी  : Moral stories in hindi