अभिमान कैसा? –  विभा गुप्ता

Post View 2,490   ” नहीं दीनदयाल, तुमने विवाह में कार देने की बात कहकर अब मुकर रहे हो, यह ठीक नहीं है।आखिर मैं बेटे का बाप हूँ, समाज में मेरी इज़्जत रह जायेगी।” रामकृष्ण अपने समधी से तीखे स्वर में बोले तो दीनदयाल बोले कि हाँ रामकृष्ण, मैंने तुमने कार देने की बात कही थी … Continue reading अभिमान कैसा? –  विभा गुप्ता