अब पछताये होत क्या? – मुकुन्द लाल part 1|best hindi kahani
Post View 1,958 रात के अंधकार को चीरते हुए बस पूरी रफ्तार से गीली सड़क पर दौड़ रही थी। रह-रहकर बादल के गरजने और बिजली के चमकने का क्रम जारी था। पानी भी घंटे-आध घंटे के अंतराल पर बरस रहा था पर कमलेश के अंतस्थल में उमड़ते- घुमड़ते दुख के बादल उसकी आंँखों के माध्यम … Continue reading अब पछताये होत क्या? – मुकुन्द लाल part 1|best hindi kahani
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