आत्मदाह – मुकुन्द लाल 

Post View 68,549  रात-भर अनिमेष बिस्तर पर करवटें बदलता रहा, लेकिन नींद उससे नाता तोड़कर दूर चली गई थी। चतुर्दिक सन्नाटा छाया हुआ था, जिसको रह-रहकर कुत्तों की आवाजें भंग कर रही थी। जब भी आंँखें लगती उसके जेहन में उसकी पत्नी मिनाक्षी के बाॅस का चेहरा उभरने लगता और वह बेचैन हो जाता। उसके … Continue reading आत्मदाह – मुकुन्द लाल