आंखों देखा दृश्य – कंचन श्रीवास्तव

Post View 542 दिव्या को देखकर रमा को लगा , मेरी सोच गलत है । वरना आज जो कुछ वो देख रही उसे स्वीकारने की जगह नकार देती अब नकार नहीं सकती क्योंकि आंखों देखा हाल है। इसी दृश्य को तो देखकर उसे वर्षों पुरानी स्वयं बीती घटना याद आ गई। हुआ ये था कि … Continue reading आंखों देखा दृश्य – कंचन श्रीवास्तव