जिम्मेदारी – ज्योति अप्रतिम

Post View 1,315 आज माँ घोंसला छोड़ कर सदा के लिए उड़ गई। आँसू रुक नहीं रहे थे और जिंदगी भर का चलचित्र दिलो दिमाग में घूम रहा था। छह बच्चे ! दो वर्ष से चौदह वर्ष तक के । और घर ! घर के नाम पर एक कम चौड़ा लेकिन लम्बा सा कच्चा कमरा … Continue reading जिम्मेदारी – ज्योति अप्रतिम