यहाँ-वहाँ हर कहीं – अंजना वर्मा : Moral Stories in Hindi

Post View 4,624 उस दिन शाम को पाँच बजे ही संजीव ऑफिस से वापस आ गया था। लिफ्ट से ऊपर जाकर उसने अपार्टमेंट की घंटी बजाई तो रोज की तरह दरवाजा नहीं खुला। वह बाहर खड़ा इंतजार करता रहा। फिर दूसरी और तीसरी बार भी बजाई तो दरवाजा वैसे ही बंद रहा। तब उसे लगा … Continue reading यहाँ-वहाँ हर कहीं – अंजना वर्मा : Moral Stories in Hindi