यह पछतावा, पीछा ही नहीं छोड़ता – पुष्पा जोशी

Post View 4,898             रविवार,छुट्टी का दिन था , विमल, घर की बालकनी में बैठा कान्हा और मीनू को खेलते हुए देख रहा था, खेलते -खेलते वे बच्चे दादा दादी के पास आकर उनसे चिपक जाते, और एक दूसरे की शिकायत करते। दादा दादी प्रेम से उन्हें समझाते तो वे फिर से खेलने लगते। निर्मल के … Continue reading यह पछतावा, पीछा ही नहीं छोड़ता – पुष्पा जोशी