वो ससुराल है या जेल – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

Post View 17,986 रात होने को और दरवाजे पर लगी डोरबेल भनभनाई टिंग टांग टिंग टांग टिंग टांगऽऽऽ अनीता जी किचन समेटती सब छोड़ छाड़ जल्दी से आई ये रात को कौन आ गया ..? थोड़ा सा दरवाजा खोल देखा अरेऽऽ अनीशा आई है । सुनकर पिता अविनाश भी कमरे से दौड़े आये ।अरे…बेटा रात … Continue reading वो ससुराल है या जेल – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi