वो एक थप्पड़ – सरिता गर्ग ‘सरि’ 

Post View 4,730        बरसों बाद अपने इस पुराने शहर लौटा तो मन में अजीब से भाव कोलाहल मचा रहे थे। बस से उतरते ही देखा आसमान में बादल के काले  -सफेद टुकड़े दौड़ लगा रहे थे। ठंडी हवा बेलौस मतवाली नार सी बह रही थी। मैं चाह रहा था जल्दी घर पहुंच जाऊँ मगर मैने … Continue reading वो एक थप्पड़ – सरिता गर्ग ‘सरि’