वो आई……(हास्य व्यंग रचना) – डॉ उर्मिला सिन्हा
Post View 462 ‘वो’आपको यत्र तत्र सर्वत्र मिल जायेंगी। बागों में , बहारों में , गलियों में , चौबारे में, गांव में, शहर में , स्कूल में, कालेज में। उनकी परिचय देने की जरूरत नहीं है वे अपने आप में परिचय है। चांदनी से उन्होंने गोरा रंग चुराया है। फूलों की कोमलता , परागों की … Continue reading वो आई……(हास्य व्यंग रचना) – डॉ उर्मिला सिन्हा
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