वे सच में ‘हैंडसम’ थे 

Post View 34,300 स्मृति बीते हुए किसी विशेष पल के बंधन में जकड़ी नहीं रह पाती ,इसमें इतना अपनापन ,इतना माधुर्य होता है कि वह किसी भी वक्त वर्तमान बन बेहद करीब आ बैठती है .सच कहूं तो स्मृति उस सुगन्धित धूप बत्ती के सदृश होती हैं जो जल कर बुझ भी जाए तो भी … Continue reading वे सच में ‘हैंडसम’ थे