“वक्त का तराज़ू ” – कविता भड़ाना

Post View 509 “प्रिया की जब आंखें खुली तो उसने खुद को अस्पताल के बेड पर पाया। उसके हाथ को थामे पास बैठे सुधांशु को देख प्रिया के होंठ फड़फड़ाए और धीरे से बोली “पानी”.. सुधांशु ने प्रिया को पानी पिलाया और डाक्टर को बुलाने चला गया। प्रिया की आंखों के सामने पिछली रात की … Continue reading “वक्त का तराज़ू ” – कविता भड़ाना