विश्वास की डोर –   बालेश्वर गुप्ता

Post View 1,523   देखो,तुम्हारे भरोसे,तुमसे प्यार करके ही मैंने अपने परिवार से विद्रोह किया है।परिवार का एक सदस्य भी तो मेरे पक्ष में नहीं।रिश्तेदार तक यही समझाते हैं कि पगली प्रेम विवाह क्या कभी सफल हुए हैं?देख लेना कुछ ही दिनों में तू कहीं की नही रहेगी। अब तुम्ही बताओ इतनी बड़ी बड़ी बातें भला … Continue reading  विश्वास की डोर –   बालेश्वर गुप्ता