*उड़ी चेहरे की रौनक* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Post View 183  सुन रामदीन,देख तू अपना दोस्त है,इसलिये तुझे आगाह करूँ हूँ, तू अपनी छोरी को संभाल।      क्यूँ क्या हुआ रौनक?मेरी कमली ने ऐसा क्या कर दिया है?       अरे, वो अपने मुंशी जी हैं ना,उसके बेटे से वह नैन मटक्का कर रही है।      गलत,मेरी कमली ऐसा कर ही नही सकती,अरे उसे तो अपनी पढ़ाई … Continue reading *उड़ी चेहरे की रौनक* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi