तूफानों से उबरना – *पूनम भटनागर। : Moral Stories in Hindi

Post View 1,408 बड़ी ही सराहा रात्रि थी। निमेष अंधेरे में बैठा ये सोच रहा था कि आखिर वह करें तो क्या करें।सब कुछ तबाह होने के बाद किस तरफ का रूख करें। क्या नहीं था उसके पास , एक हंसता-खेलता परिवार। अच्छी नौकरी, घर परिवार । पर न जाने किस की नजर लग गई। … Continue reading तूफानों से उबरना – *पूनम भटनागर। : Moral Stories in Hindi