तिरस्कार – भगवती सक्सेना गौड़

Post View 4,399 दरवाजे पर कॉल बेल बज रही थी, जाकर रीना ने जल्दी से दरवाजा खोला।  सामने महिमा पुलिस की वर्दी पहने खड़ी थी, आई.पी.एस का बैच लगाए। आज उसको पहली बार वर्दी मे उंसकी आँखे भर आयी। रीना ने खुश होकर कहा, “वाह, तुम्हे यूँ देखकर मैं प्रसन्न हो गयी, सरप्राइज विजिट, घर … Continue reading तिरस्कार – भगवती सक्सेना गौड़