तृप्ति – अनु नेवटिया : Moral Stories in Hindi

Post View 3,620 ___ निर्मला जी आज घर पर अकेली थीं, बेटा, बहु और पोता- पोती सब बाहर खाने गए थे। जाना तो उन्हें भी था, पर उनकी तबियत कुछ ठीक नहीं थी, और आज कई महीनों के बाद ये प्लान बना था तो जाना कैंसिल करके वो बच्चों को उदास नहीं करना चाहती थी, … Continue reading तृप्ति – अनु नेवटिया : Moral Stories in Hindi