टाइमपास – कंचन शुक्ला

Post View 426 आभा!!  हाँ, यही नाम था उसका। जिसकी तारीफ़ में, मैं कलमें पढ़ा करता था। बारिश के मौसम की तरह शीतल, शांत तो बिल्कुल भी नही। उसी मौसम की तेज़ हवाओं सी चंचल, मदमस्त और अनन्य ऊर्जा से परिपूर्ण। मन के भावों को कभी समेटती कभी बिखेरती। पढ़ीलिखी, समझदार परंतु फिर भी सरल। … Continue reading टाइमपास – कंचन शुक्ला