ठूंठ में जीवन बाकी है – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi
Post View 541 शाम ढलने लगी थी। सूर्य देव अस्ताचल की ओर धीरे-धीरे अग्रसर हो रहे थे। आसमान शांत था ।पक्षियों का झुंड कोलाहल करते हुए अपने घोंसले की ओर बढ़ता जा रहा था। सब कुछ प्रकृति के नियमानुसार ही घट रहा था सिर्फ एक उन्हें छोड़कर। प्रकृति न जाने क्यों उनके ऊपर कुपित हो … Continue reading ठूंठ में जीवन बाकी है – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi
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