स्वाभिमान का भार – पुष्पा पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

Post View 1,287 पचहत्तर वर्षीय रामप्रसाद जी के जीवन का हर दिन एक संघर्ष बन गया था। उनकी उम्र और हालत दोनों ही उनके खिलाफ थे। उनकी पत्नी का देहांत हुए कई साल हो चुके थे, और तब से वे अकेले अपने जीवन की गाड़ी खींच रहे थे। उनके घर के छोटे-मोटे कामों में रघुआ … Continue reading स्वाभिमान का भार – पुष्पा पाण्डेय : Moral Stories in Hindi