‘सिर्फ़ मेरा’ क्यों?-   विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

Post View 13,967  ” देखो नंदा…तुम अपने भाई को एक रुपया भी नहीं दोगी।” शैलेश ने कड़े शब्दों में पत्नी से कहा तो वह बोली,” मैं आपसे तो माँग नहीं रही….अपनी सैलेरी से ही तो दे रही हूँ..।”    ” तुम्हारी सैलेरी क्या होती है…जब तुम पर सिर्फ़ मेरा अधिकार है तो तुम्हारी सैलेरी भी तो … Continue reading ‘सिर्फ़ मेरा’ क्यों?-   विभा गुप्ता : Moral stories in hindi