सिंदूर की डिबिया – कविता झा ‘अविका’ : Moral Stories in Hindi

Post View 195,506 ठक ठक ठक की लगातार आती आवाज से सुधा की धड़कनें चलती ट्रेन की तरह धड़क रही थी। दो दिन हो गए थे उसके पति सुबोध को घर से गए हुए।  घर में दिवाली की तैयारी के लिए मरम्मत का काम चल रहा था। मजदूर मिस्त्री को पैसे देने थे और करवा … Continue reading सिंदूर की डिबिया – कविता झा ‘अविका’ : Moral Stories in Hindi