स्वार्थ (एक और उर्मिला नहीं बनेगी) – मीनू झा 

Post View 6,305 कमी क्या है तुम्हें यहां…सुजाता…इतने प्यार करने वाले सास ससुर है…खाने कपड़े की भी कोई दिक्कत नहीं है,घर में हर सुख सुविधा की चीज है..मायका नजदीक है जब चाहती हो आती हो जाती हो, मैं भी हर हफ्ते आ ही जाता हूं तुमसे मिलने..फिर परेशानी है कहां मुझे तो समझ नहीं आता … Continue reading स्वार्थ (एक और उर्मिला नहीं बनेगी) – मीनू झा