Post View 234 रविवार का दिन। कल्पना ने टेबल पर नाश्ता लगा दिया था। मैथी की पूरी, अचारी आलू और गाजर का हलवा। सारा घर खूशबू से महक रहा था। “निशु, विक्की, चलो आओ! नाश्ता कर लो। पापा को भी बुलाओ। गर्म गर्म है, फटाफट खा लो, नहीं तो ठंडा हो जाएगा। मैं गरमागरम चाय … Continue reading संकल्प – नम्रता सरन “सोना
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed