*सदाबहार* – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

Post View 500 ” उठो!.. जल्दी उठो!..” चारपाई पर सोई हुई जसोदा को उसके पति हरिहर ने उसे झिंझोड़ते हुए जगाया।   ” क्या हुआ?.. पागल  हो गये हो क्या? .. सुबह-सुबह..”   “ठेला गायब हो गया है, तुमको नींद सूझ रही है..”   “ऐं!.. ठेला नहीं है?.. कल शाम में तो घर के बाहर यहीं पर किनारे … Continue reading *सदाबहार* – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi