सच्चाई की जीत – कमलेश राणा

Post View 356 बब्बू, आज फिर तूने मेरे बकस को हाथ लगाया,, कितनी बार कहा है जो चाहिये मांग लिया कर पर ये उठा पटक मत किया कर,,  पर मैंने तो छुआ ही नहीं,,  तो क्या भूत कर गये,, सारा सामान बिखरा पड़ा है,,  वो तो चाचा और ताऊ आये थे,, कुछ ढूंढ़ रहे थे,, … Continue reading सच्चाई की जीत – कमलेश राणा