सच्चे रिश्ते केवल बाहरी चमक-धमक से नहीं बल्कि दिल की गहराइयों से बनते हैं – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

Post View 38 रंजन अपने ऑफिस से थका-हारा घर पहुंचा। उसकी आँखों में हल्का सा गुस्सा और निराशा झलक रही थी। वह सीधे अपने कमरे में गया और खुद को बिस्तर पर फेंक दिया। उसकी माँ, विमला देवी, जो रंजन के चेहरे के हर भाव को समझने में माहिर थीं, तुरंत समझ गईं कि कुछ … Continue reading सच्चे रिश्ते केवल बाहरी चमक-धमक से नहीं बल्कि दिल की गहराइयों से बनते हैं – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi