Post View 5,080 “रात काफी हो गई है अतुल!. जाओ सो जाओ।” धीरे से बिस्तर पर करवट लेते हुए उसने अभी-अभी फिर से अपने कमरे के भीतर आते बेटे की ओर देखा… “नहीं!.नींद नहीं आ रही है।” अतुल ने पिता की बात को नजरअंदाज कर दिया। आज अचानक फिर से तबीयत नासाज हो जाने की … Continue reading रूबरू – पुष्पा कुमारी “पुष्प”
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