रिश्ते प्यार से बनते हैं – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
Post View 5,493 ” देवरानी जी..ऐसी साड़ियाँ तो मेरे मायके की नौकरानियाँ भी न पहने..कितना भद्दा रंग है..और मिठाई तो देखो..हा-हा.. देखकर ही उल्टी आ रही है..है ना जीजी..।” ” हाँ..मधु..मैं भी तो यही कह रही हूँ..।” कहकर दोनों हँसने लगीं। सेठ श्यामलाल शहर के जाने-माने ‘आयरन’ व्यापारी थे।पत्नी कमला सुघड़ गृहिणी थी।उनके महेश, सुरेश … Continue reading रिश्ते प्यार से बनते हैं – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
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