रंग का दंश – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

Post View 10,198 दरवाजे की घंटी बार-बार बज रही थी पर सलोनी को जैसे कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था वो अपने ही ख्यालों में खोई हुई थी उसके दिल की बेचैनी उसके चेहरे और आंखों  उदासी बनकर झलक रही थी उसकी आंखों में एक दर्द था जिसे हर कोई नहीं पढ़ सकता था … Continue reading रंग का दंश – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi