रक्षक – मीना माहेश्वरी

Post View 393 #एक_टुकड़ा                  सुनसान सड़क पर मीतू तेज _तेज कदमों से दौड़ी जा रही थी ।आज उसे कोचिंग से लौटने में देर हो गई थी,और कोई साधन  भी नही मिला था। अचानक उसने महसूस किया कि कुछ मव्वाली टाइप के दो_तीन लड़के उसके पीछे _पीछे आ रहे थे और कुछ गंदी _गंदी फब्तियां कस … Continue reading रक्षक – मीना माहेश्वरी