रखवाला – गीतांजलि गुप्ता

Post View 363 <p><span style=”font-weight: 400;”>”ओ छोरे ठीक से काम कर वर्ना निकाल दूंगा नौकरी से। आलसी कहीं का जल्दी जल्दी हाथ चला कर मेजे साफ़ कर फिर बर्तन भी धो पोंछ कर लगा सारे।” रोज डयूटी पर आते ही लाला की यही आवाज़ बारह वर्ष के कांशी के कानों को चीरती और बेचारा भूखा … Continue reading रखवाला – गीतांजलि गुप्ता