फिर भी तुमको चाहूँगा – स्व्पनिल रंजन वैश

Post View 8,448 खनकती रंग-बिरंगी चूड़ियों और छमछमाती पायलों के साथ मधुरिमा ने अपने भरे पूरे संपन्न ससुराल में गृहप्रवेश किया। यूँ तो लक्ष्मी की कोई कमी नहीं थी उसकी ससुराल में पर फिर भी सासूमाँ ने उसकी हाथों के छाप लेकर देवी माँ से कृपा बनाये रखने की प्रार्थना की। मधुरिमा एक मध्यम वर्गीय … Continue reading  फिर भी तुमको चाहूँगा – स्व्पनिल रंजन वैश