नियति का रंग – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Post View 185  देखो मनीष,कुसुम मेरी बहू है,पर जब वह वंश बढ़ाने में सक्षम नही है,मुझे पोता नही दे सकती,मां ही नही बन सकती तो कुछ तो सोचना पड़ेगा ना।वह घर मे रहे मुझे आपत्ति नही,पर तुझे दूसरा ब्याह करना ही पड़ेगा।समझ रहा है ना तू? मैं सब समझ रहा हूँ माँ, तुम्हारा आशय यह … Continue reading नियति का रंग – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi