Post View 71,184 सासू माँ विजयाजी कई दिनों से बहू की हरकतें देख रही थी.. कभी बहू नेहा चुपचाप रसोईघर में कुछ बनाते बनाते खा लेती , अगर विजया जी पहुँच जाती तो चुपचाप गैस के नीचे खाने की चीज सरका देती, अपना पल्लू बड़ा सा कर लेती .. घूंघट के अंदर से ही जल्दी … Continue reading नियति का चक्र
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