निमित्त मात्र – सुनीता मिश्रा

Post View 173 प्लेटफार्म पर लगभग दौड़ते हुए वे अपने  ट्रेन के कोच नम्बर एस  पांच तक पहुंचे ,गाड़ी ने रफ्तार ले ली थी।गाड़ी की उसी रफ्तार मे वे  दरवाजे की रॉड पकड़ लटक गये ।उनका  एक पैर पायदान पर और दूसरा पैर हवा मे लहरा रहा था।उनकी पीठ पर पिट्ठू बैग लदा था ,उसका … Continue reading निमित्त मात्र – सुनीता मिश्रा