मुझे प्रेम के साथ सम्मान भी चाहिए –  निधि शर्मा 

Post View 814  विवाह समारोह की संध्या बेला मधुर संगीत बज रहा था। पंडित जी के मंत्र उच्चारण से हर कोई मन मुग्ध हो रहा था। दुल्हन का हाथ दूल्हे के हाथ में था और सबसे नीचे पिता अपना हाथ बढ़ाते और नम आंखों से बेटी का दान कर रहे थे। सभी अतिथियों की आंखें … Continue reading मुझे प्रेम के साथ सम्मान भी चाहिए –  निधि शर्मा