मोहताज – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

Post View 1,046 आंखो के लिए भी नीचे काले काले रंग निशान ,चेहरा पीला सा पड़ गया था। हाथ पैरों में तो मानो जान ही नहीं रही। अकेले कमरे में घुट घुट कर बैजान सी हो रही थी। वो बिंदास रहने वाली पूजा। जैसा नाम वैसा ही व्यवहार । सबसे मिलना जुलना हसना ,हसाना मानो … Continue reading मोहताज – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi