मिठास – रश्मि स्थापक

Post View 2,912 संजना खामोश बैठी है। बाहर वाले इस बड़े कमरे में बिछी तखत पर सासू माँ का एकाधिकार होता था।उनकी सारी गतिविधियों का केंद्र था यह।और आज पहली संक्रांति उनके बिना।कल ही शहर से आई यहाँ पहला त्योहार होने से आना तो था ही।वह यही सोच रही थी कि अम्माँ तिल के कितने … Continue reading मिठास – रश्मि स्थापक