मौन सामंजस्य – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

Post View 477  आज भी शाम की सैर के समय मेरा ध्यान अपनी सैर में कम और उस वरिष्ठ दंपति की धीमी गति से चल रही सैर की ओर ही अधिक था। उन पति महोदय के एक पैर में संभवतः कुछ तकलीफ थी क्योंकि वे अपने दूसरे पैर पर तनिक अधिक दबाव बनाते हुए अत्यंत … Continue reading मौन सामंजस्य – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi