क्यों संदेह के कटघरे में हमेशा औरत ही खड़ी की जाती है – गीतू  महाजन

Post View 37,163 संध्या दफ्तर से निकली तो रात की सब्ज़ी के लिए सोचते हुए वह मेट्रो से उतर  सब्ज़ी मंडी की तरफ मुड़ गई।वहीं से हफ्ते भर की सब्ज़ियां इकट्ठी लेकर घर आई तो नीचे पास वाले घर में आई नई पड़ोसन मृदुला मिल गई।मृदुला के साथ बातचीत करते हुए उसे 10 मिनट ही … Continue reading क्यों संदेह के कटघरे में हमेशा औरत ही खड़ी की जाती है – गीतू  महाजन