ख्वाब जो बिखर गये (भाग 2)  – रीमा महेंद्र ठाकुर 

Post View 32,547 निहारिका  बैचेनी से चहलकदमी  कर रही थी !  धीरे धीरे  अन्धेरा  बढ रहा था  , अब तो उसे  डर भी  लग रहा था , उसके  कदम समीर के रुम की  ओर बढ गये ।   तभी सामने से आता दिखा समीर , वो  दौड़कर समीर के गले लग कर रो पडी, समीर … Continue reading ख्वाब जो बिखर गये (भाग 2)  – रीमा महेंद्र ठाकुर